बी ए - एम ए >> एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धनसरल प्रश्नोत्तर समूह
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एम ए सेमेस्टर-1 - गृह विज्ञान प्रथम प्रश्नपत्र - उच्चतर पोषण एवं संस्थागत प्रबन्धन
प्रश्न- अंकुरीकरण तथा खमीरीकरण किस प्रकार से भोजन के पौष्टिक मूल्य को बढ़ाते हैं? स्पष्ट कीजिए।
अथवा
"बिना किसी अतिरिक्त कीमत के खाद्य पदार्थों के पौष्टिक मूल्यों को अंकुरण से बढ़ाया जा सकता है।' इस कथन की पुष्टि कीजिए।
अथवा
अंकुरीकरण के कारण कौन कौन से पौष्टिक तत्व बढ़ जाते हैं?
अथवा
अंकुरीकरण के लाभ क्या हैं?
उत्तर -
अंकुरण की क्रिया एकदम सीधी, सरल है परन्तु इससे बीजों में अधिक रासायनिक अभिक्रियायें जैसे जल अपघटन, संश्लेषण व अपचयन आदि प्रारम्भ हो जाती है। बहुत से एन्जाइम क्रियाशील हो जाते हैं जैसे एमाइलेज, प्रोटिऐज, काइटेज साइटेज इत्यादि जिससे पोषण मूल्यों अभूतपूर्व वृद्धि देखी जाती है। बीज में संचित भोज्य पदार्थ घुलनशील बदलने लगते हैं जिनका उपयोग कर भ्रूण नवीन ऊतकों का निर्माण करते हैं। अंकुरण मूल्य में वृद्धि अंकुरण की क्रिया से पोषण मूल्यों में अधिक वृद्धि देखी जाती है। विटामिन 'C' जोकि बिना अंकुरित दालों में पूर्णतः अनुपस्थित हैं, अंकुरण के पश्चात् काफी मात्रा में अपनी उपस्थिति दर्शाने लगता है। यही कारण है कि 18वीं शताब्दी से स्कर्वी के उपचार के लिए अंकुरित दालों का उपयोग किया जा रहा है। राइबोफ्लोविन, नियासिन, कोलीन, बायोटीन, फोलेट, थाइमिन व अन्य B' समूह के विटामिन की मात्रा में इससे वृद्धि देखने को मिलती है। अंकुरण से प्रोटीन व मुक्त लौह लवण की मात्रा बढ़ जाती है।
पाचनशीलता में वृद्धि - अंकुरण का प्रभाव बीजों को कार्बोहाइड्रेट्स पर भी पड़ता है। परिणामस्वरूप उनकी पाचनशीलता बढ़ जाती है। साबुत दालों व धान्यों में वायु उत्पन्न करने का गुण पाया जाता है जिससे इनका अधिक प्रयोग पाचन की दृष्टि से उचित नहीं माना जाता है। दालों में उपस्थित औलिगोसैक राइड्स के कारण मुख्यतः यह प्रभाव देखा जाता है क्योंकि मानव की छोटी आँत में ऐसा कोई एन्जाइम नहीं होता है जिनसे इनका पाचन व अवशोषण हो सके परन्तु बड़ी आंत में पाये जाने वाले बैक्टीरिया इन पर क्रिया कर गैस उपन्न करते हैं।
जब दालों का अंकुरण किया जाता है तो ओलिगोसैके राइड्स की मात्रा बहुत कम हो जाती है। साथ ही अंकुरण के द्वारा कुछ मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स पदार्थ अपने सरलतम रूप में परिवर्तित हो जाते हैं। कुछ प्रोटीन की जल अपघटन के द्वारा सरलतम रूपों में आ जाते हैं। बीजों में उपस्थित वसा अपघटित होकर पहले वसीय अम्ल व ग्लिसराल में बदलती है व फिर ये कार्बोज व अन्य यौगिकों में बदल जाते हैं। यही कारण है कि छोटे बच्चों के आहार में अंकुरित बीजों को हम सुरक्षित रूप से उपयोग कर सकते हैं।
नुकसानदायक तत्वों की मात्रा में कमी - बीजों में उपस्थित टैनिन व फाइटेट नुकसान दायक तत्वों में गिने जाते हैं क्योंकि इनकी उपस्थित में अन्य पोषक तत्वों की उपलब्धता घट जाती है अंकुरण से इन नुकसानदायक तत्वों की मात्रा घट जाती है और दूसरी ओर लौह लवण की उपलब्धता बढ़ जाती है। ट्रिप्सिन इन्हीबीटर एन्जाइम की क्रियाशीलता अंकुरण से घट जाती है। जिससे प्रोटीन की उपलब्धता की क्रियाशीलता अंकुरण से घट जाती है। जिससे प्रोटीन की उपलब्धता बढती है।
पकाने के समय में कमी - अंकुरित बीज काफी नर्म हो जाते हैं। इनका बाहरी आवरण भी बीज के पानी सोखकर फूलने से फट जाता है। अतः इन्हें पकाने के लिए लगने वाले समय में कमी देखी जाती है। कम समय लगने से न केवल ईंधन व समय की भी बचत होती है वरन् कम समय तक ताप के सम्पर्क में आने के कारण अन्य पोषक तत्व जो ताप के लिए संवेदन शील होते हैं उनकी मात्रा अंकुरित बीजों के पकने के बाद भी ज्यादा बनी रहती है। लाइसिन अमीनो एसिड की मात्रा दालों में लम्बी पाक क्रिया से घट जाती हैं। अंकुरित दाल क्योंकि कम समय में गल जाती है इसलिए इनमें लाइसिन, अमीनो एसिड भारी मात्रा में उपस्थित रहता है। विटामिन C व B काम्प्लेक्स विटामिन भी ऐसी दालों से ज्यादा मात्रा में उपस्थित रहते हैं।
आहार में विविधता - अंकुरित दालों का आहार में प्रयोग आहार की एक रुपता को भंग कर विविधता भी लाता है। रोज एक ही तरह से दाल बनाने पर उसकी ग्राह्यता घटती है पर अंकुरण कर लेने पर उन्हीं दालों में विविधता आ जाती है। अंकुरित दालों से सलाद, नाश्ते के पदार्थ जैसे कटलेट, चीला, मूँग बड़े या इन्हें ही खमीरीकृत कर ढोकला, ढोसा आदि बना सकते हैं। जब मौसम में ताजी सब्जियाँ नहीं उपलब्ध होती हैं तब उनका उपयोग और भी जरूरी हो जाता है। अंकुरण से दालों में ताजगी आ जाती है व इन्हें हम सब्जियों के रूप में प्रयोग में ला सकते हैं। अंकुरित दालों को अंकुरण के पश्चात् विविध प्रकार के उपयोगों के लिए कुछ समय तक फ्रिज में सुरक्षित रखा जा सकता है।
उपर्युक्त वर्णन से यह स्पष्ट है कि अंकुरण एक लाभदायक क्रिया है। बिना किसी अतिरिक्त मूल्य के हम बहुत से लाभ उठा सकते हैं।
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- प्रश्न- दैनिक आहारीय मात्राओं से आप क्या समझते हैं? आर.डी.ए. का महत्व एवं कार्य बताइए।
- प्रश्न- आहार मात्राएँ क्या हैं? विभिन्न आयु वर्ग के लिये प्रस्तावित आहार मात्राओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संदर्भित महिला व पुरुष को परिभाषित कीजिए एवं पोषण सम्बन्धी दैनिक आवश्यकताओं का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं से आप क्या समझते हैं? दैनिक प्रस्तावित मात्राओं को बनाते समय ध्यान रखने योग्य आहारीय निर्देशों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- गर्भावस्था में कौन-कौन से पौष्टिक तत्व आवश्यक होते हैं? समझाइए।
- प्रश्न- स्तनपान कराने वाली महिला के आहार में कौन से पौष्टिक तत्वों को विशेष रूप से सम्मिलित करना चाहिए।
- प्रश्न- एक गर्भवती स्त्री के लिये एक दिन का आहार आयोजन करते समय आप किन-किन बातों का ध्यान रखेंगी?
- प्रश्न- एक धात्री स्त्री का आहार आयोजन करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित आवश्यकता की विशेषताएँ बताइये।
- प्रश्न- प्रस्तावित दैनिक आवश्यकता के निर्धारण का आधार क्या है?
- प्रश्न- शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व कौन-कौन से हैं? इन तत्वों को स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में वर्गीकृत कीजिए।
- प्रश्न- भोजन क्या है?
- प्रश्न- उत्तम पोषण एवं कुपोषण के लक्षणों में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- हमारे लिए भोजन क्यों आवश्यक है?
- प्रश्न- शरीर में जल की क्या उपयोगिता है
- प्रश्न- क्या जल एक स्थूल पोषक तत्व है?
- प्रश्न- स्थूल पोषक तत्व तथा सूक्ष्म पोषक तत्वों में अंतर बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट किसे कहते हैं? इसकी प्राप्ति के स्रोत तथा उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- मानव शरीर में कार्बोहाइड्रेट की कमी व अधिकता से क्या हानियाँ होती हैं?
- प्रश्न- आण्विक संरचना के आधार पर कार्बोहाइड्रेट का वर्गीकरण किस प्रकार किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट का मानव शरीर में किस प्रकार पाचन व अवशोषण होता है?
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- कार्बोहाइड्रेट क्या है? इसके प्राप्ति के स्रोत बताओ।
- प्रश्न- प्रोटीन से क्या तात्पर्य है? मानव शरीर में प्रोटीन की उपयोगिता बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन को वर्गीकृत कीजिए तथा प्रोटीन के स्रोत तथा कार्य बताइए। प्रोटीन की कमी से होने वाले रोगों के बारे में भी बताइए।
- प्रश्न- प्रोटीन के पाचन, अवशोषण व चयापचय पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- प्रोटीन का जैविक मूल्य क्या है? प्रोटीन का जैविक मूल्य ज्ञात करने की विधियाँ बताइये।
- प्रश्न- प्रोटीन की दैनिक जीवन में कितनी मात्रा की आवश्यकता होती है?
- प्रश्न- प्रोटीन की अधिकता से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- प्रोटीन की शरीर में क्या उपयोगिता है?
- प्रश्न- प्रोटीन की कमी से होने वाले प्रभाव लिखिए।
- प्रश्न- वसा से आप क्या समझते हैं? वसा प्राप्ति के प्रमुख स्रोत एवं उपयोगिता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- संक्षिप्त टिप्पणी लिखिये - वसा का पाचन एवं अवशोषण।
- प्रश्न- वसा या तेल का रासायनिक संगठन बताते हुए वर्गीकरण कीजिए।
- प्रश्न- वसा की उपयोगिता बताओ।
- प्रश्न- वसा के प्रकार एवं स्रोत बताओ।
- प्रश्न- वसा की विशेषताएँ लिखिए।
- प्रश्न- पोषक तत्व की परिभाषा दीजिए। सामान्य मानव संवृद्धि में इनकी भूमिका का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विटामिनों से क्या आशय है? इनके प्रकार, प्राप्ति के साधन एवं उनकी कमी से होने वाले रोगों के विषय में विस्तारपूर्वक लिखिए।
- प्रश्न- विटामिन
- प्रश्न- विटामिन 'ए' क्या है? विटामिन ए की प्राप्ति के साधन तथा आहार में इसकी कमी से होने वाले रोगों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विटामिन डी की प्राप्ति के साधन बताइये।
- प्रश्न- विटामिन सी की कमी से क्या हानियाँ हैं?
- प्रश्न- विटामिन डी की दैनिक प्रस्तावित मात्रा बताइये।
- प्रश्न- वसा में घुलनशील व जल में घुलनशील विटामिनों में क्या अन्तर है?
- प्रश्न- खनिज तत्वों से आप क्या समझते है? खनिज तत्वों का कार्य बताइए।
- प्रश्न- फॉस्फोरस एवं लोहे की प्राप्ति, स्रोत, कार्य व इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- कैल्शियम की प्राप्ति के साधन कार्य तथा इसकी कमी से होने वाली हानियों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- जिंक की कमी से शरीर को क्या हानि होती है? इनकी प्राप्ति के साधन उदाहरण सहित समझाइए।
- प्रश्न- आयोडीन का महत्व बताइये।
- प्रश्न- सोडियम का भोजन में क्या महत्व है?
- प्रश्न- ताँबे का क्या कार्य है?
- प्रश्न- शरीर में फ्लोरीन की भूमिका लिखिए।
- प्रश्न- शरीर में मैंगनीज का महत्व बताइये।
- प्रश्न- शरीर में कैल्शियम का अवशोषण तथा चयापचय की संक्षिप्त में व्याख्या कीजिए।
- प्रश्न- आहारीय रेशे का क्या अर्थ है? आहारीय रेशों का संगठन, वर्गीकरण एवं लाभ लिखिए।
- प्रश्न- भोजन में रेशेदार पदार्थों का क्या महत्व है? रेशेदार पदार्थों के स्रोत एवं प्रतिदिन की आवश्यकता का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- फाइबर की कमी शरीर पर क्या प्रभाव डालती है?
- प्रश्न- फाइबर की अधिकता से शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है?
- प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों में फाइबर की मात्रा को तालिका द्वारा बताइए।
- प्रश्न- भोजन पकाना क्यों आवश्यक है? भोजन पकाने की विभिन्न विधियों का वर्णन करिए।
- प्रश्न- भोजन पकाने की विभिन्न विधियाँ पौष्टिक तत्वों की मात्रा को किस प्रकार प्रभावित करती हैं? विस्तार से बताइए।
- प्रश्न-
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- प्रश्न- भोजन विषाक्तता पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- भूनना व बेकिंग में अन्तर स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- भोजन में मसालों की उपयोगिता बताइये।
- प्रश्न- खाद्य पदार्थों में मिलावट किन कारणों से की जाती है? मिलावट किस प्रकार की जाती है?
- प्रश्न- 'भोज्य मिलावट' क्या होती है, समझाइये।
- प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया से बनाये जाने वाले पदार्थों का वर्णन कीजिए तथा खमीरीकरण प्रक्रिया के प्रभावों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- अनुपूरक व विस्थापक पदार्थों से आपका क्या अभिप्राय है? उनका विस्तृत वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न खाद्य पदार्थों का फोर्टीफिके शनकि स प्रकार से किया जाता है? वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- भोजन की पौष्टिकता को बढ़ाने वाले विभिन्न तरीके क्या होते हैं? विवरण दीजिए।
- प्रश्न- अंकुरीकरण तथा खमीरीकरण किस प्रकार से भोजन के पौष्टिक मूल्य को बढ़ाते हैं? स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- खमीरीकरण की प्रक्रिया किन बातों पर निर्भर करती हैं।
- प्रश्न- खमीरीकरण पर टिप्पणी लिखिए।
- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझती हैं? आहार आयोजन का महत्व बताइए।
- प्रश्न- 'आहार आयोजन' करते समय ध्यान रखने योग्य बातें बताइये।
- प्रश्न- आहार आयोजन को प्रभावित करने वाले विभिन्न कारकों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- विभिन्न आयु वर्गों एवं अवस्थाओं के लिए निर्धारित आहार की मात्रा की सूचियाँ बनाइए।
- प्रश्न- एक खिलाड़ी के लिए एक दिन के पौष्टिक तत्वों की माँग बताइए व आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- एक दस वर्षीय बालक के पौष्टिक तत्वों की मांग बताइए व उसके स्कूल के लिए उपयुक्त टिफिन का आहार आयोजन कीजिए।
- प्रश्न- 'आहार आयोजन करते हुए आहार में विभिन्नता का भी ध्यान रखना चाहिए।' इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
- प्रश्न- एक किशोर लड़की के लिए पोषक तत्वों की माँग बताइए।
- प्रश्न- एक किशोरी का एक दिन का आहार आयोजन कीजिए तथा आहार तालिका बनाइये। किशोरी का आहार आयोजन करते समय आप किन पौष्टिक तत्वों का ध्यान रखेंगे?
- प्रश्न- आहार आयोजन से आप क्या समझते हैं?
- प्रश्न- आहार आयोजन के सिद्धान्तों का वर्णन कीजिए।
- प्रश्न- दैनिक प्रस्तावित मात्राओं के अनुसार एक किशोरी को कितनी ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- प्रश्न- कैटरिंग की संकल्पना से आप क्या समझते हैं? समझाइये।
- प्रश्न- भोजन करते समय शिष्टाचार सम्बन्धी किन बातों को ध्यान में रखा जाता है?
- प्रश्न- भोजन प्रबन्ध सेवा (Catering Service) के विभिन्न प्रकारों को विस्तार से समझाइए।
- प्रश्न- एक गृहिणी अपने घर में किस प्रकार सुन्दर मेज सजाकर रखती है? समझाइए।
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- प्रश्न- केटरिंग सेवाओं की अवधारणा और सिद्धान्त समझाइये।
- प्रश्न- 'स्वयं सेवा' के लाभ तथा हानियाँ बताइए।
- प्रश्न- छोटे और बड़े समूह में परोसने की विधियों की तुलना कीजिये।
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- प्रश्न- बड़े समूह की भोजन व्यवस्था पर एक टिप्पणी लिखिए।
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- प्रश्न- खाद्य प्रतिष्ठान हेतु क्या योग्यताओं की आवश्यकता तथा प्रशिक्षण आवश्यक है? समझाइए।
- प्रश्न- बुफे शैली में भोजन किस प्रकार परोसा जाता है?
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- प्रश्न- 'पानी के जहाज (Ship) पर भोजन की व्यवस्था' इस विषय पर टिप्पणी करिये।
- प्रश्न- मेन्यू के सिद्धांत क्या हैं? विभिन्न प्रकार के मेन्यू के बारे में लिखिये।